आप सभी ने सुना होगा ऊपर वाला देता देता छप्पर फाड़ के” समय जब बदलता है तो किसकी किस्मत खोल देगा कोई नहीं जानता ऐसा ही हुआ , गोपाल के साथ चरितार्थ हो गई है. ड्रीम इलेवन के जरिए उसने 57 लाख रुपये की राशि जीती.झारखंड प्रदेश के लातेहार जिले के थाना चौक चाउमीन बेचने वाले एक युवक गोपाल प्रसाद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किस्मत इस तरह बदल जाएगी, इसका उसे कभी अंदाजा भी नहीं था-
गोपाल प्रसाद थाना चौक स्थित अपने घर में चाउमीन व चिल्ली बेचकर परिवार का भरण पोषण करता है.ड्रीम इलेवन में 57 लाख रुपये जीतने पर गोपाल और उनका पूरा परिवार काफी खुश है। गोपाल ने बताया कि ड्रीम इलेवन ऑनलाइन एप में आइपीएल में खेलने वाली टीमों की संभावना के आधार पर टीम का चयन किया था.खेल का रिजल्ट आते ही 38 लाख 51 हजार रुपये मेरे खाते में आ गए.उन्होंने कहा कि 57 लाख रुपये जीतने पर 33 प्रतिशत राशि टैक्स के रूप में काट कर भुगतान किया गया है.उन्होंने बताया कि आइपीएल मैच में खेलने वाली टीमों की संभावना के आधार पर अपनी टीम का चयन करना रहता है और जिसकी संभावित टीम जीतती है, उसे पुरस्कार मिलता है.गोपाल ने बताया कि पैसा मिलने के बाद भी वह चाउमीन बेचने का काम करता रहेगा.पैसे के उपयोग के सवाल पर उसने कहा कि इस पैसे से वह अपने परिवारजनों के लिए कुछ सामान खरीदेगा.बाकी पैसा घर बनाने में लगाएगा.
ऑनलाइन गेमिंग के जरिये चल रहा जुए का कारोबार अब बड़ा आकार ले चुका है.ऑनलाइन गेम बनाने वाले सट्टा कारोबारी मोबाइल एप के जरिए लोगों तक गेम पहुंचा रहे हैं.जिसे जीतने पर गिफ्ट या नगद धनराशि देने का ऑफर दिया जा रहा है.यहां तक की बड़े रेस्टोरेंट और होटल में फ्री खाना खाने तक की बात कही जाती है.एंड्राइड फोन सपोर्टेड गेम में सबसे ज्यादा संलिप्तता युवा वर्ग की है, जो ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में फंसकर समय और पैसा, दोनों गंवा रहा है.ऑनलाइन गेम के जरिये जुआ खेलने का धंधा घरों तक पहुंच गया है.ऑनलाइन जुआ का कारोबार करने वाले युवाओं को मोबाइल एप के जरिये गेम खेलने की आइडी बनाकर देते हैं.फिर प्वाइंटों में गेम चलता है.गेम के जरिये जुआ खेलने वाले युवा एक रुपये में एक प्वाइंट खरीदते हैं, जो उनके मोबाइल एप में रहता है.लत लगने के कारण प्वाइंट हारने पर युवा फिर रुपये खर्च कर प्वाइंट खरीदने को विवश हो जाता है.
एंड्राइड मोबाइल रखने वालों के लिए घर बैठे ही ऑनलाइन जुआ खेलना आसान हो गया है.गूगल पर ऐसे खास ऑनलाइन गेम का पिटारा खुल जाता है.फन अंदर-बाहर, फन टायगेट, ट्रिपल फन, रोलेट जैसे ऑनलाइन गेम खूब चल रहे हैं.खेल में हारने या जीतने पर खेलने वाला शहर में इस कारोबार को चलाने वाले के पास पहुंचता है और प्वाइंट खरीदता-बेचता है.ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग को पकड़ना आसान नहीं होता.फिर भी साइबर तकनीकी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म की मॉनीटरिंग कर कार्रवाई की जाती है.साइबर क्राइम पुलिस उन सभी पहलुओं पर गौर कर रही है,जिनके जरिये ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी को बढ़ावा मिल रहा है.