मित्रों फिल्मी दुनिया ने कई ऐसी फिल्में दी है, जो कि आज भी लोगों द्वारा काफी पसन्द की जा रही है, हालाकि ये बात अलग है कि कुछ फिल्मे ऐसी भी रही है, जो कुछ विवादों के चलते अभी भी रीलीज नही हो सकी है। हालाकि साउथ इंडियन फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है, इस फिल्म के वीएफएक्स और एडिटिंग को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। दर्शक इस फिल्म का कब से इंतज़ार कर रहे थे। ऐसे में यदि कोई आपको बताए कि यह फिल्म काल्पनिक नही बल्कि असली है तो शायद आपको यकीन नहीं होगा,पर आज हम KGF फिल्म में जिस सोने की खदान के बारे में जिक्र किया गया है उसकी सच्चाई से अवगत कराने वाले है।
दरअसल KGF का फुल फॉर्म“Kolar Gold Fields”होता है जिसे हिंदी में कोलार सोने का खेत भी कहते है और यह कर्नाटक के दक्षिण पूर्व इलाक़े में है तथा बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर 100 किलोमीटर दूर केजीएफ़ टाउनशिप है। KGF movie की में जो सोने की खदान का जिक्र किया है वह इसकी सच्चाई बयां करती है। यह जगह आपने आप में बहुत खास है। यह उस दौर की बात है जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था। 1871 में ब्रिटिश सैनिक माइकल फिट्ज़गेराल्ड लेवेली ने बेंगलुरू में अपना घर बनाया था। माइकल को किताबें पढ़ने का बहुत शौक था और भारत के इतिहास में काफी रुचि रखते थे। एक दिन उनकी नजर एशियाटिक जर्नल का एक लेख पर पड़ी जिसमें लिखा था कि कोलार में इतना सोना है कि लोग हाथ से जमीन खोदकर ही उसे निकाल लेते हैं। ब्रिटिश सरकार के लेफ्टिनेंट जॉन वॉरेन ने वहां सोने का पता देने वालों को ईनाम देने तक की घोषणा कर रखी थी।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि इसी दौरान कोलार गांव से बैलगाड़ी में सवार होकर कुछ ग्रामीण वॉरेन के पास पहुंचे। बैलगाड़ी के पहिए साफ करते दौरान मिट्टी में से कुछ सोने के अंश निकले। पड़ताल के बाद समझ आया कि कोलार के लोग जिस तरीक़े से हाथ से खोदकर सोना निकालते हैं,उससे 56 किलो मिट्टी से गुंजभर सोना निकाला जा सकता था। जिसके बाद केजीएफ की खदानों में सोना निकालने के लिए 24 घंटे काम चलता रहता था। आदमी,औरत बच्चे सबका बस सोने निकालने का कार्य करते थे। वही उनका बसेरा होता था। अंधेरा होने की वजह से खदानों से सोना निकालने के लिए चिमनी का प्रयोग होता था लेकिन सोना निकालने के चक्कर में अंग्रेजों ने यहां बिजली पहुंचा दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, 121 सालों तक इस खान से 900 टन से ज्यादा सोना निकाला जा चुका है। वर्ष 1930 तक इस खदान में 30 हजार मजदूर काम करने लग गए थे। भारत सरकार ने साल 1970 में भारत गोल्ड माइन्स को केजीएफ सौंप दिया था। केजीएफ फिल्म कोलार गोल्ड फील्ड्स पर ही बनी है। इस फिल्म में इसी सोने की खदान की कहानी है। 2018 में KGF CHAPTER 1 आई थी और 2022 में KGF CHAPTER 2 आई। जिसे दर्शकों द्वारा खुब पसंद किया जा रहा है। इस जानकारी के संबंध में आप लोगों की क्या प्रतिक्रियायें है। मित्रो अधिक रोचक बाते व लेटेस्ट न्यूज के लिये आप हमारे पेज से जुड़े और अपने दोस्तो को भी इस पेज से जुड़ने के लिये भी प्रेरित करें।