दोस्तों IAS ऑफीसर बनने के लिए दिन रात पढना पड़ता है कठिन परिश्रम करना पड़ता है .कोचिंग लेने पड़ती है इतनी तैयारी के बाद भी कुछ लोग UPSC का एग्जाम क्लियर नही कर पाते .लेकिन यदि किसी में कुछ कर दिखने का जज्बा और कुछ बनने की लग्न हो तो ऐसे इंसान को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता . ऐसे इंसान को बीएस अपनी मंजिल नज़र आती है उसके रास्ते में आने वाली रूकावटो को नज़रअंदाज करके वो आगे बढ़ता रहता है . आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बतायेंगे जिसने बिना कोचिंग के वो मुकाम हासिल किया है जिसके बारे में कोई सोच भी नही सकता .आज उस शख्स ने मेहनत और लग्न से अपना सपना पूरा कर लिया है .जो सब के लिए प्रेरणा है .
केरल के श्रीनाथ ने बिना कोचिंग के UPSC परीक्षा पास कर ली. श्रीनाथ रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हैं. उन्होंने पहले केरल पब्लिक सर्विस कमीशन (KPSC) की परीक्षा पास की और फिर UPSC में भी उन्हें कामयाबी मिल गई. श्रीनाथ मुन्नार के मूल निवासी हैं. उन्होंने अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए एर्नाकुलम में कुली के तौर पर काम किया. वो अपने परिवार में अकेल कमाने वाले हैं. साल 2018 में उन्होंने कड़ी मेहनत करने का फैसला किया ताकि उनकी कम आय के कारण उनकी बेटी के भविष्य से समझौता न हो. जल्द ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के बारे में सोचा. लेकिन आर्थिक तंगी ने उन्हें परेशान किया.
रेलवे के निःशुल्क WiFi से केरल में कुली का कार्य करने वाले श्रीनाथ के जीवन में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आया है, स्टेशन पर उपलब्ध WiFi के उपयोग से उन्होंने तैयारी कर प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त की है, मैं उनकी सफलता पर उन्हें बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनाएं देता हूँ।
श्रीनाथ जानते थे कि वो कोचिंग सेंटर की फीस नहीं दे पाएंगे. इसके बाद उन्होंने KPSC की तैयारी करने का दूसरा तरीका निकाला. जनवरी 2016 में मुंबई रेलवे स्टेशन पर फ्री वाई-फाई की सेवा शुरू हुई थी. लिहाजा़ा उन्होंने स्मार्ट फोन के जरिए पढ़ाई शुरू की. फ्री वाईफाई की मदद से श्रीनाथ रेलवे स्टेशन पर काम करते हुए ऑनलाइन लेक्चर सुनते थे. KPSC में पास होने के बाद चौथे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की भी परीक्षा पास कर ली.
आज आईएएस श्रीनाथ उन लाखों छात्रों के लिए एक जीवित प्रेरणा हैं, जो कुछ असफल प्रयासों के बाद निराश महसूस करते हैं, जो संसाधनों की कमी के कारण अपनी क्षमताओं पर विश्वास नहीं करते हैं और जो पारिवारिक जिम्मेदारियों और अपने स्वयं के सपनों के बीच फंसे हुए हैं.