मित्रों इस बात में तो कोई दो राय नही है, कि हमारे जीवन में शिक्षा अत्यधिक महत्व रखती है, हालाकि पहले के समय से ही हमारे देश में शिक्षा का बड़ा ही महत्व रहा है, और इसके लिये सरकार द्वारा कुछ योजनायें भी चलायी जा रही है, पर इसके बावजूद आज भी कुछ पिछड़े इलाकों में शिक्षा को दरकिनार कर बचपन में ही बच्चों की शादी कर देतें है। हालाकि मौजूदा सरकार ने इस पर भी पावन्दी लगाते हुये शख्त निर्देश दिये है। इसी क्रम में आज हम एक ऐसी महिला के संबंध में बताने वाले है, विज्ञान में टॉपर रहने के बाउजूद करती थी सफाईकर्मी का काम,पर मेहनत और लगन से बनी की बैज्ञानिक। खबर विस्तार से जानने के लिये इस पोस्ट के अंत तक बने रहे।जिसे सब समझ रहे गाँव की गंवार, वो निकली IPS ऑफिसर
दरअसल जिस महिला के संबंध में बात कर रहे है उसपे एक कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही है, कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। इस महिला का नाम रजनी है,उन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बीच खुद के भीतर काबिलियत हासिल कर सफलता का मुकाम हासिल किया, उनकी कहानी उन पुरुषों और महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है जो छोटी मोटी असफलता और बुरी परिस्थियों के बीच घबराकर कदम पीछे रख देते हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर सफाईकर्मी का काम करते हुए कीट बैज्ञानिक बनकर सफलता हासिल की,आज उनकी कामयाबी के चर्चे पूरे देशभर में हो रहे हैं।होटलों में बतर्न साफ करने वाला लड़का सबसे कम उम्र में बन गया IAS,जानिये ऑटो वाले के बेटे का जुनूनी सफर,
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि रजनी तेलांगना के वारंगल जिले की रहने वाली है। इनका संबंध एक बेहद ही साधारण परिवार से था। पिता एक किसान थे जो दूसरों के खेतों में मजदूरी किया करते थे। इनका पूरा बचपन आर्थिक तंगी के बीच गुजरा। रजनी बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थी। इसलिए इनके माता-पिता ने इनकी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। साल 2013 में इन्होंने ऑर्गेनिक केमिस्ट्री से मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद इनका एडमिशन पीएचडी के लिए हो गया। लेकिन कहते हैं ना कि कभी-कभी किस्मत से ज्यादा नहीं मिलता है,रजनी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ,रजनी जब पीएचडी कर रहीं थी उसी दौरान उनकी शादी हो गई। शादी के बाद वो हैदराबाद शिफ्ट हो गई।
शादी के बाद भी रजनी का आर्थिक तंगी ने साथ नहीं छोड़ा, मास्टर्स की डिग्री रखने वाली रजनी को दिहाड़ी मजदूरी पर काम करना पड़ा। इस आर्थिक तंगी के दौर में उन्होंने सफाईकर्मी के तौर पर भी काम किया, पर टैलेंट को छुपाया या दबाया नहीं जा सकता है। ऐसा ही कुछ रजनी के साथ भी हुआ। म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन एंड अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर के, टी रमाराव को रजनी के बारे में पता चला और उन्हें बहुत ताज्जुब हुआ कि ऑर्गेनिक केमिस्ट्री से मास्टर डिग्री हासिल करने वाली रजनी को स्वीपर की नौकरी करनी पड़ रही है। फिर केटी रमा राव को रजनी की डिग्री की कद्र थी और उन्होंने रजनी को ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में असिस्टेंट कीटविज्ञानी के पद पर नौकरी दे दी। इस तरह से एक स्वीपर की नौकरी करने वाली दो बच्चों की मां रजनी को अपना करियर बनाने का मौका मिल गया।
इस जानकारी के संबंध में आप लोगों की क्या प्रतिक्रियायें है। मित्रो अधिक रोचक बाते व लेटेस्ट न्यूज के लिये आप हमारे पेज से जुड़े और अपने दोस्तो को भी इस पेज से जुड़ने के लिये भी प्रेरित करें।