मित्रों वैसे तो बॉलीवुड में बहुत से अभिनेता और अभिनेत्रियों ने बाखूबी अपने बेहतरीन अभिनय से हम लोगों को मनोंरजिंत किया है और इन कलाकारों ने ऐसी-ऐसी सुपर-डुपर हिट फिल्में दी है जो कि हम लोग देखने के पश्चात इनके रोल को कभी भूल ही नही पाये है। वहीं अगर बात पहलें के दशक की करें तो उस दौर में दिग्गज अभिनेता धर्मेन्द्र अपने अभिनय के दम पर लोगों के दिलों में एक अलग ही जगह बना ली है। धर्मेंद्र बॉलीवुड के सुपर स्टार रहे हैं उन्होने अपने दौर में एक से एक हिट फिल्में की हैं, पर आज हम इनकी नही बल्कि इनके भाई के संबंध में बात करने वाले है जिन्हें सूटिंग के दौरान गोली मार दी गई थी। खबर विस्तार से जानने के लिये इस पोस्ट के अंत तक बने रहे।
आपको बता दें कि धर्म देओल यानी धर्मेंद्र एक भारतीय अभिनेता, निर्माता और राजनीतिज्ञ हैं, जो हिंदी फिल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। बॉलीवुड के “ही-मैन” के रूप में जाने जाते थे। इन्होंने इस इंडस्ट्री में पांच दशकों तक काम किया है। इस दौरान इन्होंने बॉलीवुड को 300 से अधिक फिल्में दी। हिंदी फिल्मों में अपनी बेहतरीन भूमिका के लिए इन्हें 1997 में “फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा कई और फिल्मी अवॉर्ड से नवाजे जा चुके हैं। धर्मेंद्र अभिनेता के साथ साथ लोकसभा के सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं। 2012 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, दरअसल धर्मेंद्र वीरेंद्र सिंह देवल एक दूसरे के चचेरे भाई थे। लेकिन उन दोनों के बीच के प्यार मोहब्बत को देखते हुए ऐसा लगता था कि वह दोनों सगे भाई हैं।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि वीरेंद्र की मृत्यु के कई वर्षों बाद उनके बेटे रणदीप ने अपने पिता के ऊपर एक बायोपिक बनाई है। जिसमे धर्मेंद्र के साथ उनके बेटे बॉबी देओल भी शामिल है। उस वक्त वीरेंद्र सिंह फिल्मों के लिए एक अच्छे अभिनेता के रूप में जाने जाते थे। आज के दौर में जितना धर्मेंद्र मशहूर है उस वक्त वीरेंद्र की भी चर्चा उतना ही होती थी, वीरेंद्र पंजाबी सिनेमा जगत के सुपरस्टार माने जाते थे. 80 के दशक में वीरेंद्र सिंह बड़े पर्दे पर पूरी तरह से छाए हुए थे जैसे-जैसे वह सफलता की ओर बढ़ रहे थे उनके दुश्मन भी इसी रफ्तार से बढ़ रहे थे। उनकी फिल्में ‘खेल मुकद्दर का’ और ‘दो चेहरे’ बड़े पर्दे पर खूब धूम मचाई थी। वीरेंद्र सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत अपने भाई धर्मेंद्र के साथ 1975 में की थी, यह दोनों एक साथ फिल्म “तेरी मेरी एक जिंदा” में साथ दिखे थे जहां एक तरफ धर्मेंद्र ने बॉलीवुड में अपना पकड़ मजबूत कर लिया था वही वीरेंद्र भी फिल्मी दुनिया का सुपरस्टार बन गए थे। कहा जाता है कि उनकी यही कामयाबी उनकी दुश्मनी का कारण बना, कई लोगों को उनसे नफरत होने लगी। वीरेंद्र सिंह 6 दिसंबर 1988 को ‘जट्ट ते जमीन’ की शूटिंग के लिए गए हुए थे और वही उनकी मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार आतंकवादियों ने वीरेंद्र सिंह को मारा था। बताया जाता है कि उन दिनों पंजाब में आतंकी गतिविधियां का स्तर काफी ऊपर था। घरवालों के मना करने के बावजूद भी वह शूटिंग के लिए चले गए थे जहां कुछ अज्ञात लोगों ने उनके ऊपर फायरिंग कर दी जिससे उनकी मौत हो गई। इस जानकारी के संबंध में आप लोगों की क्या प्रतिक्रियायें है। मित्रो अधिक रोचक बाते व लेटेस्ट न्यूज के लिये आप हमारे पेज से जुड़े और अपने दोस्तो को भी इस पेज से जुड़ने के लिये भी प्रेरित करें।