दोस्तों आज का मनुष्य आर्थिक दृष्टि से सुख समर्द्ध से भरपूर होते हुए उसके पास विभिन्न प्रकार की समस्याए है अगर आज से कुछ समय पहले देखा जाये तो मनुष्य के पास कम संसाधन होने के बावजूद भी लोग खुशहाल जिन्दगी व्यतीत करते थे और आज के समय में मनुष्य के पास भरपूर संशाधन होने के बावजूद भी दुखी है हालाकि पहले के लोग बड़े-बुजुर्गों के कहे अनुसार चलते थे और शास्त्र दवारा बताये गए नियमो का पालन करते थे लेकिन आज के समय में लोग शास्त्र और धर्म की बातो को मानने से इंकार कर दिए है और कोई नही मानता है इसीलिए अगर देखा जाये तो चाणक्य नीति में बहुत सी ऐसी बातो का वर्णन है जिनका पालन करने वाला व्यक्ति जीवन में जरूर सफल होता है. हालाकि चाणक्य नीति में ये भी बताया गया है कि पति-पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए. दरअसल, चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसी भी बाते है जिन्हें पत्नी को नही बतानी चाहिए इसीलिए चाणक्य नीति के अनुसार, कुछ ऐसी महिलाएं होती हैं जिनके पति बिना आग के ही जलते रहते हैं. तो ऐसी कौन -कौन सी बाते है जिसके कारण आदमी का शरीर बिना आग के ही तपता रहता है जानने के लिए बन्र रहे लेख के अंत तक.
जिसकी ऐसी पत्नी हो उस आदमी का शरीर बिना आग ही तपता रहता है, जाने चाणक्य नीति की ये बात
चाणक्य नीति में पुरुषों के लिए लिखी गई है गूढ़ बात :-
दरअसल, आचार्य चाणक्य एक महान कूटनीतिज्ञ थे, जिन्होने अपने ज्ञान और शिक्षा के दम पर चंद्रगुप्त को राजा बनाया था। ऐसे में उनकी बताई गई नीति आज भी दुनिया के राजनीतिज्ञों के लिए शोध का विषय है। जानने वाली बात ये है कि चाणक्य ने राजनीति से लेकर आम जनजीवन के लिए भी कई नीति प्रतिपादित किए हैं। जैसे व्यक्ति के सामान्य आचार विचार से लेकर उसके जीवन के हर एक विषय को लेकर कई काम की बाते बताई हैं।
नीतिशास्त्र में एक श्लोक वर्णित है, जिसमें चाणक्य ने पुरुषों के लिए कुछ ऐसी परिस्थितियां बताई हैं, जिसमें होने के चलते उनका शरीर बिना किसी वजह या कहें कि बिना आग भी जलता रहता है। दरअसल ये श्लोक कुछ इस प्रकार है…
इस श्लोक के अर्थ की बात करें तो इसका आशय है कि अगर किसी व्यक्ति को दुष्ट प्रकृति के लोगों के गांव में रहना पड़े या कुलहीन लोग जिनका कोई समाज सम्मान न हो ऐसे लोगों की सेवा करनी पड़े, जो खाने योग्य नहीं है वो भी खाना पड़े, जिसकी हमेशा गुस्सा करने वाली और कड़वा बोलने वाली पत्नी हो, घर में मूर्ख पुत्र या विधवा पुत्री हो तो ऐसे व्यक्ति का शरीर बिना आग भी हमेशा तपता रहता है।
यानी यहां चाणक्य (chanakya niti) का आशय ये है कि हमेशा विवाह के लिए संस्कारी और समझदार स्त्री का ही चुनाव करना चाहिए।