दोस्तों अपने अभिनय से सभी को हंसाने वाले फेमस कॉमेडियन राजपाल यादव ने बहुत सी फिल्मो में अभिनय किया है और हर बार अपने अभिनय के शानदार प्रदर्शन से दर्शको के दिलो में ख़ास जगह बनाई है .राजपाल कमाल की कॉमेडी करते है उनकी फिल्म देख कर दर्शक हँस हँस कर लोटपोट हो जाते है . एक समय ऐसा भी था जब कभी राजपाल यादव के पास खाने और ऑटो के किराये तक के लिए पैसे नही होते थे उन्होंने अपने शुरूआती फ़िल्मी करियर में छोटे छोटे रोल भी किये थियेटर में भी काम किया . लेकिन आज उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से नाम ,दौलत शौहरत सब हासिल कर लिया है और आज वो करोड़ो की सम्पत्ति के मालिक है .आपको बता दे अभिनेता राजपाल का विवादों से भी गहरा नाता रहा है .ऑटो रिक्शा चलाने वाला बन गया 3 हेलीकाप्टर का मालिक, कभी पाई-पाई के लिए थे मोहताज़ आज बना करोड़ो का मालिक
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छोटा शहर मगर सपने बड़े
16 मार्च 1971 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ के पास के जिले शाहजहांपुर में जन्मे राजपाल यादव ने प्रारंभिक शिक्षा शाहजहांपुर से ही की तथा यहीं से उनकी दिलचस्पी अभिनय और थियेटर की तरफ बढ़ी। थियेटर के माध्यम से अभिनय में रुचि जागने के बाद उन्होंने इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने का निर्णय लिया था लेकिन वह ऐसा कर न सके। 12वीं पास करते ही राजपाल यादव ने 1989 से 1991 तक आर्डनेंस क्लॉथ फैक्ट्री से टेलरिंग में अपरेंटिस किया। इसके बाद उन्हें नौकरी करनी थी लेकिन उन्होंने फिर से नौकरी से ऊपर अपने अभिनय के जुनून को चुना तथा 1992 में थियेटर ट्रेनिंग के लिए लखनऊ के भारतेंदु नाट्य एकेडमी में दाखिल ले लिया। यहां से दो साल की ट्रेनिंग करने के बाद राजपाल ने दिल्ली का रुख किया और 1994 से 1997 यहीं के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय सीखा।
अब बारी थी राजपाल यादव के बॉलीवुड में एंट्री करने की. उनके अभिनय करियर को स्टार्ट तब मिला जब वह 1999 में आई ‘दिल क्या करे’ फिल्म में एक रोल के लिए चुने गए। उनके अभिनय करियर की शुरुआत छोटे छोटे किरदारों से हुई. राजपाल की अभिनय प्रतिभा को असल पहचान तब मिली जब उन्हें 2000 में आई राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘जंगल’ में सिप्पा के किरदार के लिए चुना गया। आज एक हास्य कलाकार के रूप में अपनी बड़ी पहचान बना चुके राजपाल को उनका पहला खास रोल एक खतरनाक विलेन के रूप में मिला था। राजपाल यादव ने इस चुनौती को स्वीकार किया तथा इस किरदार को बहुत शानदार तरीके से निभाया। उनकी मेहनत का फल उन्हें तब मिला जब उन्हें इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर में बेस्ट नेटिगेटिव रोल का पुरस्कार मिला।बाल काटते-काटते इस नाई ने खरीद डाली 370 से भी ज्यादा लग्ज़री लग्ज़िरियस कारें,आज भी खुद काटता है बाल
नहीं होता था ऑटो का किराया
आज राजपाल यादव भले ही हिंदी सिनेमा का चर्चित चेहरा बन चुके हों लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी खुद अपनी जुबानी बयान की थी। आरजे सिद्धार्थ कन्नन के साथ अपने एक इंटरव्यू में राजपाल यादव ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा था कि एक समय ऐसा भी था जब उनके पास ऑटो का किराया देने तक के पैसे नहीं होते थे। ऐसी बुरी परिस्थितियों में उन्हें फिल्म जगत के कुछ करीबियों का सहारा मिला और उन्होंने इनका बहुत साथ दिया। राजपाल यादव ने इस बारे में बताते हुए कहा था कि ‘उन्हें लगता है कि हमें जरूरतमंदों के लिए अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए। अगर लोग उनकी मदद नहीं करते तो वे यहां तक कभी पहुंच ही नहीं पाते। राजपाल का मानना है कि जब वह खुद पर विश्वास कर के आगे बढ़ने लगे तो पूरी दुनिया ने उनका साथ दिया. उन्हें हर तरह के समर्थन की जरूरत थी और उन्हें हर तरफ से समर्थन भी मिला।’
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वैसे, राजपाल यादव की लव स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नही है। दरअसल, 2002 में राजपाल फिल्म ‘द हीरो: लव स्टोरी ऑफ स्पाय’ की शूटिंग के लिए कनाडा गए थे। वहीं एक कॉमन फ्रेंड प्रवीण डबास ने राधा से उनकी पहली मुलाकात कराई थी। इसके बाद दोनों ने काफी लंबे समय तक डेट किया और इसके बाद दोनों ने शादी कर ली। बता दें कि राजपाल की ये दूसरी शादी है। उनकी पहली पत्नी का नाम करुणा है, बेटी के जन्म के दौरान उनकी मौत हो गई थी। बता दें कि राधा औऱ राजपाल में 9 साल का फासला है।<
राजपाल यादव का कार कलेक्शन
राजपाल यादव की लग्जरी लाइफस्टाइल किसी स्टार से कम नहीं। उनके पास काफी महंगी गाड़ियां है। राजपाल यादव के कार कलेक्शन में होंडा अकॉर्ड और बीएमडब्ल्यू 5 सीरीज की कारें हैं। जिनकी कीमत लाखों में है। राजपाल यादव की कमाई का मुख्य जरिया अभिनय व फिल्में हैं। वह एक फिल्म के लिए 1 से 2 करोड़ रुपये तक चार्ज करते हैं। इसके अलावा राजपाल ब्रांड एंडोर्समेंट के जरिए भी कमाई करते हैं। वह ब्रांड एंडोर्समेंट के लिए 1 करोड़ रुपये फीस लेते हैं।
विवादों से रहा गहरा नाता
राजपाल यादव का नाम विवादों से भी खूब रहा है। 5 करोड़ का लोन वापस चुका पाने में नाकाम होने के बाद 2013 में उनपर दिल्ली हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा दायर करने का भी आरोप लगा। इसके लिए उन्हें 10 दिन की सजा भी सुनाई गई थी। राजपाल यादव इसके बाद तिहाड़ जेल में बंद रहे थे।