मित्रों इस बात में तो कोई दो राय नही है कि पिता प्रत्येक बच्चे के लिए धरती पर ईश्वर का साक्षात रूप होते हैं। वे अपनी संतान को सुख देने के लिए अपने सुखों को भी भुला देते हैं। वे रात दिन अपने बच्चों के लिए ही मेहनत करते हैं और उन्हें वे हर सुविधा देना चाहते है जो उन्हें भी कभी नहीं मिली। कई बार छोटी सी तनख्वाह में भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए पिता कर्ज में भी डूब जाते हैं, पर बच्चों के सामने कभी कोई परेशानी जाहिर नहीं करते है। यही वजह है कि पिता दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इसी क्रम में आज हम भोजपुरी फिल्म इंड्रस्टी के दिग्गज अभिनेता रवि किशन की बात करने वाले है, जिन्होंने अपनी बेटी का ईलाज कराने के लिये बेच दी थी अपनी पूरी जमीन।असल जिंदगी में एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन है रामचरण-एनटीआर का परिवार, 35 सालों से है दुश्मनी
आपको बता दें कि भोजपुरी फिल्मी पर्दे से लेकर राजनीति की दुनिया में अपनी धाक जमाने वाले मनोरंजन जगत के सफल अभिनेता रवि किशन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आज उन्होनें जो मुकाम हासिल किया है वह उन्हें आसानी से नहीं मिली है। इसके लिए न जाने उनको कितना परीश्रम करना पड़ा होगा। उन्हें भोजपुरी जगत का टॉप स्टार माना जाता है, पर बहुत कम लोग होंगे जो उनकी सफलता के पीछे के परीश्रम का जानते होगें। हर मुसीबतों का सामना कर रवि किशन ने अपनी जिंदगी में इतना आगे बढ़े है। उसके ज़िंदगी में एक ऐसा वक्त भी था जब बेटी को अस्पताल से लाने के लिए उन्हें अपने खेत तक बेचने पड़ गए थे। जब रवि किशन फिल्मी पर्दे पर नाम कमाने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे, उन दिनों उनकी पत्नी और पिता ने उनका खूब हौसला बढ़ाकर उनका साथ दिया था।55 साल की उम्र में माँ बनी महिला,एक बार में ही जन्मे 3 बच्चे,35 साल से तरस रहे थे
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि जब रवि किशन की बेटी का जन्म हुआ था, तब अभिनेता उस कठिन दौर से गुजर रहे थे जहां उनके पास अपनी बेटी को अस्पताल से घर ले जाने के लिए पैसे तक नहीं थे। वह अपनी बेटी और पत्नी को डिस्चार्ज नहीं करवा पा रहे थे क्योंकि उनके पास उन्हें घर ले जाने के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्होंने अपने खेतों को गिरवी रखकर, दूसरों से कर्ज लेकर वह अस्पताल की फीस चुकाए और अपनी पत्नी और नन्ही सी गुड़िया को घर लेकर पहुंचे थे। रवि किशन को बचपन से ही एक्टिंग में इंटरेस्ट था। अपने एक इंटरव्यू के दौरान रवि किशन ने बताया था कि वह बचपन में रामलीला की सीता बनना बेहद पसंद करते थे, घरवालों को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आती थी। जिसकी वजह से घर में उनकी खूब पिटाई हुआ करती थी। अपने एक्टिंग के जुनून को हकीकत में तब्दील करने के लिए रवि किशन ने घर छोड़ने का फैसला लिया था और उनका यह फैसला आज एक ऐसी हकीकत बन गया है, जो अब सपने जैसा लगता है। इस जानकारी के संबंध में आप लोगों की क्या प्रतिक्रियायें है। मित्रो अधिक रोचक बाते व लेटेस्ट न्यूज के लिये आप हमारे पेज से जुड़े और अपने दोस्तो को भी इस पेज से जुड़ने के लिये भी प्रेरित करें।