दोस्तों भारतीय संस्कृति जितनी पुरानी है उतनी ही प्रचलित भी है यही कारण है कि यहां सदियों से इस्तेमाल हो रही चीजों ने आज भी अपनी पहचान नहीं खोई है। हमारे देश में गाय के गोबर का इस्तेमाल आज भी किया जाता है, लेकिन ऐसा महज पूजा-पाठ तक ही सीमित है हालाकि गाय एक महत्वपूर्ण जानवर होता है जिसका उल्लेख वेदों में भी पाया गया है गाय को हम गौ माता कहकर पुकारते है इसीलिए गाय को देवतुल्य स्थान प्राप्त है ऐसा भी कहा जाता है कि गाय में सभी देवी देवताओ का वास होता है और इतना ही नही , उस घर में आने वाले सारे संकट भी गाय अपने ऊपर ले लेती है ऐसी मान्यताये प्रचलित है इसीलिए भारत जैसे देश में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है हालाकि बहुत से पालतू पशु होते है लेकिन उन सबमें गाय का स्थान सर्वोच्च होता है इसीकारण से प्राचीन काल से ही गौ माता को देवी सदृश समझा जाता है हर मंगल कार्य को करने के लिए गाय की ही चीजो का प्रयोग किया जाता है यहाँ तक की इसका उत्सर्जी पदार्थ गोबर का भी इस्तेमाल किया जाता है इसके गोबर से कंडे बनाये जाते है जो पूजा -पाठ में इस्तेमाल किये जाते है और गोबर के कन्डो में कुछ रहस्य भी छिपे है और ऐसा भी कहा जाता है इसके कन्डो को इस्तेमाल करने से माता लक्ष्मी का हाथ भी आपके ऊपर होगा और विभिन्न प्रकार के तरक्की के रास्ते भी खुलेगे जानने के लिए बने रहे लेख के अतं तक.
गोबर के कंडों में छुपा है तरक्की का रास्ता, ऐसे करें इस्तेमाल; मां लक्ष्मी की होगी हरदम कृपा
गाय के गोबर को धार्मिक तौर पर बेहद लाभकारी माना गया है. गाय के गोबर से बने कंडे का इस्तेमाल कई धार्मिक कर्मकांडों और पूजा-पाठ में किया जाता है. गाय के गोबर से बने कंडों को बहुत पवित्र माना जाता है. धार्मिक दृष्टि से इसका धुंआ आर्थिक और सेहत से जुड़ी बीमारियों के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि गोबर के कंडों का धुंआ घर में दिखाने पर घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकरात्मक ऊर्जा का घर में प्रसार होता है.
धार्मिक दृष्टि से गोबर के कंडों का महत्व :-
1. ऐसा कहा जाता है कि घर के मंदिर में रोज गोबर के उपले जलाकर पूजा करने से घर के सदस्यों पर किसी भी तरह की विपत्ती नहीं आती है और परिवार में आपसी प्रेम बना रहता है. अगर घर में किसी तरह की आपसी कलह चल रही होती है तो वह खत्म हो जाती है और घर में सुख-समृद्धि के आने के रास्ते खुलते हैं.
2. गोबर के कंडों में घी और कपूर डालकर उसका दीया जलाने से यह घर के लिए अच्छे परिणाम लेकर आता है. इसके धुंए के प्रभाव से घर में सकरात्मक ऊर्जा का वास होता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर इसमें पीली सरसों डाल दिया जाए तो घर के सदस्यों के सेहत पर अच्छा असर पड़ता है. गोबर के कंड़ों में कपूर,बताशे और लौंग डालकर जलाने से घर के रुके हुए काम फिर से बनने लगते हैं.
3. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में गोबर के उपले जलाकर उसका धुंआ करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. इसके साथ ही अगर कोई आर्थिक परेशानी है तो वह दूर हो जाती है. इसके प्रभाव से घर का फिजूल खर्च कम होने लगता है और पैसे की बचत होने लगती है. इसके धुंए से कई तरह के वास्तु दोषों से मुक्ति मिलती है और मां लक्ष्मी हमेशा घर में विराजमान होती हैं.