मित्रों वैसे तो आपने लोगों ने बहुत से धारावहिक देखें होगें, फिल्म इंडस्ट्री में बड़े परदे के साथ छोटे परदों के कलाकारों ने भी बहुत अच्छा अभिनय दिया है छोटे परदे के कलाकारों ने अपने अभिनय से कभी सबको रूलाया है तो कभी सबको हंसाया है। धारावाहिक हमारे दर्शकों को बहुत ही पसन्द आते है अगर हम बात करें पहले दशक की तो उस समय बहुत से ऐसे प्रोग्राम दूरदर्शन पर चल रहे थे जो कि आज भी याद किये जाते है, उस दौर में एक धारावाहिक महाभारत का भी प्रसारण किया गया था, जिसे लोगों द्वारा काफी पसन्द किया गया था, पर इस सीरियल के शुरुआत में ही एक आवाज़ सुनाई देती है जो कहती थी ‘मैं समय हूं’। ये आवाज़ सुन कर ही सब टीवी के सामने बैठ जाते थे, 90 के दशक के बाद ये आवाज़ हम सबको साल 2020 में lockdown के समय सुनाई दी थी जब दूरदर्शन पर एक बार फिर से महाभारत को प्रसारित किया गया था पर क्या आप जानते है की ये आवाज़ आखिर है किसकी?90 के दशक के ये मशहूर 5 सितारे फ़िल्मी दुनिया से दूर ऐसी ज़िन्दगी जी रहे है, देखिये ‘चंद्रकांता’का क्या हो गया अब हाल
आपको बता दें कि BR चोपड़ा के द्वारा डायरेक्ट की हुई महाभारत पहली बार टीवी के चैनल दूरदर्शन पर 1988 में प्रसारित हुई थी, इस धारावाहिक में सभी एक्टर्स ने अपना किरदार बखूबी निभाया था, पर सिर्फ शो में अपनी आवाज़ देने वाले आर्टिस्ट जिनको किसी ने नहीं देखा था वो भी अपनी आवाज़ की वजह से काफी चर्चित हो गए थे, ये आवाज़ बेहतरीन वौइस् ओवर आर्टिस्ट हरीश भिमानी की थी जिन्होंने अपनी आवाज़ से ही सबका दिल जीत लिया था। हरीश भिमानी ना ही सिर्फ एक वौइस् ओवर आर्टिस्ट है बल्कि एक लेखक, फिल्म और डॉक्यूमेंट्री मेकर के साथ-साथ एक न्यूज़ एंकर भी है। वो टीवी के कई सीरियल भी लिख चुके है जिनमे सुकन्या, ग्रहण और छोटी-बड़ी बातें शामिल है। वो अब तक 22 हज़ार से ज़्यादा वौइस् रिकॉर्डिंग भी कर चुके है। 2016 में उन्हें मराठी डॉक्यूमेंट्री फिल्म में आवाज़ देने के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।टीवी की चन्द्रकान्ता ने बदला अपना लुक, 28 साल बाद दिखती है ऐसी, लेटेस्ट तस्वीरें देख लोग हो रहे दीवाने
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले महाभारत शो में शकुनि मामा का किरदार निभाने वाले एक्टर गुफी पेंटल शो में एक्टिंग करने के साथ-साथ उसके कास्टिंग डायरेक्टर भी थे, हरीश ने एक इंटरव्यू में बताया की एक बार उन्हें गुफी ने ऑफिस बुलाया था और कागज़ पर कुछ लाइन लिख कर दी थी और उन्हें रिकॉर्ड करने के लिए कहा था, उस समय हरीश को नहीं पता था की उनकी आवाज़ किस चीज़ के लिए रिकॉर्ड करवाई जा रही है। उन्हें कई बार स्टूडियो बुलाया गया और 6-7 टेक लिए गए जिसके बाद एक फाइनल वौइस् रिकॉर्ड करने के बाद उन्हें सेलेक्ट कर लिया गया और वो महाभारत की आवाज़ बन गए। इस जानकारी के संबंध में आप लोगों की क्या प्रतिक्रियायें है। मित्रो अधिक रोचक बाते व लेटेस्ट न्यूज के लिये आप हमारे पेज से जुड़े और अपने दोस्तो को भी इस पेज से जुड़ने के लिये भी प्रेरित करें।