मित्रों वैसे तो इस दुनिया में कई प्रकार की बीमारी है, जिनसे हम लोग घिरे हुये है। हालाकि ये बात अलग है कि अधिकांश बीमारियां हम लोगों की गलतियों का ही नतीजा है। आपको बता दें डेंगु एक ऐसी बीमारी है जिसके जन्मदाता हमी लोग है, क्योंकि हम लोग घर के आस पास सफाई न करने का निश्चय कर चुके है। ऐसे में इस तरह की बीमारियों का सामना तो करना ही पड़ेगा। वहीं अधिकांश लोगों का सवाल यह है कि आखिर मच्छर इंसानों का खून क्यों पीते है? यह जानने के लिये इस पोस्ट के अंत तक बने रहे।
दरअसल पृथ्वी पर जीवों की जितनी भी प्रजातियां है, सबको जिंदा रहने के लिए आहार की आवश्यकता पड़ती है, इंसान हों, जानवर हों या फिर कीड़े-मकोड़े, जीवन के लिए कुछ न कुछ चाहिए होता है, अब मच्छरों को ही ले लीजिए, इसके आहार के बारे में अक्सर लोगों को यही पता है कि वे इंसानों और जानवरों का खून पीते हैं, पर क्या आपने सोचा है कि मच्छर खून ही क्यों पीते हैं? मच्छरों को खून पीना ही क्यों पसंद होता है? जब वैज्ञानिकों ने इसकी वजह जानने के लिए रिसर्च की तो वे भी चौंक गए, वैज्ञानिकों ने पाया कि दुनिया की शुरुआत से ही मच्छरों को खून चूसने की आदत नहीं रही है, ये बदलाव तो बाद में हुआ, हाल ही में हंगरी की पनोनिया यूनिवर्सिटी में सस्टेनेबिलिटी सॉल्यूशंस रिसर्च लैब के वैज्ञानिकों ने एक शोध अध्ययन किया है, इसमें एक पॉइंट ये भी है कि मच्छर 23 से 28 मिलियन साल पहले यानी इंसानों के आने से लाखों साल पहले से मौजूद हैं, ऐसे में स्पष्ट है कि इंसानों का खून उनका भोजन नहीं ही रहा होगा। मच्छरों के इस शोध अध्ययन में वैज्ञानिकों का कहना है कि मच्छरों ने इंसानों का खून पीना इसलिए शुरू किया क्योंकि वो सूखे प्रदेश में रहते हैं, शुष्क मौसम में जब मच्छरों को प्रजनन क्रिया के लिए जब पानी की आवश्यकता होती है तो उन्हें पानी नहीं मिलता, इसी कारण वे इंसानों या जानवरों का खून चूसना शुरू कर देते हैं।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि अगर हम वेबसाइट ‘New Scientist’ की एक रिपोर्ट माने तो अफ्रीका के मच्छरों में एडीस एजिप्टी मच्छर की कई सारी प्रजातियां हैं, जिनमें से सभी इंसानों का खून नहीं पीते, इनमें कुछ प्रजातियां ऐसी थीं जो अन्य चीजें खाकर या पीकर अपना गुजारा करती हैं, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता नोआह रोज के मुताबिक, अब तक मच्छरों की विभिन्न प्रजातियों के खान-पान को लेकर बहुत स्टडी नहीं हुई हैं, नोआह कहती हैं कि हमने अफ्रीका में 27 जगहों से एडीस एजिप्टी मच्छर के अंडे लिए और फिर इनमें से मच्छरों को निकलने दिया, इसके बाद इन मच्छरों को मानव, अन्य जीव, गिनी पिग जैसे लैब में बंद डिब्बों में छोड़ा गया ताकि उनके खून चूसने के पैटर्न को समझा जाए, इस अध्ययन में डीस एजिप्टी मच्छरों की अलग-अलग प्रजातियों का खान-पान बिल्कुल अलग निकला, नोआह के मुताबिक, इस अध्ययन में यह थ्योरी गलत साबित हुई कि सभी मच्छर खून पीते हैं, अध्ययन बताता है कि जिस इलाके में सूखा या गर्मी ज्यादा पड़ती है और पानी की कमी होती है, वहां मच्छरों को प्रजनन के लिए नमी की जरूरत होती है, पानी की कमी पूरा करने के लिए इंसानों या जानवरों का खून चूसना शुरू कर देते हैं, अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक, मच्छरों में ये बदलाव हजारों साल बाद आए। इस जानकारी के संबंध में आप लोगों की क्या प्रतिक्रियायें है। मित्रो अधिक रोचक बाते व लेटेस्ट न्यूज के लिये आप हमारे पेज से जुड़े और अपने दोस्तो को भी इस पेज से जुड़ने के लिये भी प्रेरित करें।